यह तो सभी जानते हैं कि सोशल मीडिया के दौर में किताब वह भी खरीद कर पढ़ने वाले गिनती में आ चुके हैं। ऐसे हालात में बजाय नई किताब के वहीं सन् 80 में प्रकाशि)त तीन हिंदी किताबों को एक संच में पुनः प्रकाशित करने का कारण यही है कि अपने देश में 40 वर्ष पूर्व की जो सामाजिक व्यवस्था थी उसमें और आज की तिथि में क्या अंतर है? क्या हमारे हालात बदले हैं? क्या हमारी सोच में कोई बदलाव आया है? उम्मीद करता हूं यह कहानी संग्रह बात वहीं मुलाकात नई पुस्तक पाठकों को पसंद आयेगी ।
Iqbal Sharf Mukadam
इक़बाल शर्फ मुकद्दम, प्रकाशित साहित्य- (1) आकाश तले ( 2) बस्ती उस पार की (3) मयूर पंख( 4) अचेत , म्यूजिकल एल्बम -( 1) गीत कुंज 2) सावन के झूले , पुरस्कार- 1) कैफ़ी आज़मी: राज्यस्तरीय (बलराज साहनी/साहिर साहित्य संस्था पुणे ) कविता गायन - आकाशवाणी - मुम्बई , साहित्य अकादमी- मुंबई