Uttar - Madhyakalin Kaviyitriya Aur Unka Kavya ChintanAuthor: Kapil Kumar Gautam

  • ISBN 13 : 9788193859865
  • Edition : First
  • Format : HardCover
  • PRICE : ₹ 695

BOOK DESCRIPTION

उत्तर - मध्यकालीन हिंदी साहित्य विविध पूर्वाग्रहों से ग्रसित है। जिसमें सबसे बड़ा पूर्वाग्रह तो यही है कि उस कालखंड के दौरान कवयित्रियों के प्रमाण नहीं मिलते हैं, जबकि इस पुस्तक के माध्यम से सर्वप्रथम इसी पूर्वाग्रह को तोड़ने का काम किया गया है। चयनित 17 उत्तर -मध्यकालीन कवयित्रियों के काव्य के विश्लेषण के उपरांत यह पुस्तक उत्तर- मध्यकालीन साहित्येतिहास को नवीन दृष्टि से अवलोकित करने का मार्ग प्रशस्त करती हैं। उत्तर-मध्यकालीन कवयित्रियों के काव्य चिंतन के विश्लेषण से यह तथ्य स्पष्ट होता है कि कवयित्रियों ने लोक संपृक्त विषयों को अपने काव्य में स्थान दिया। कवयित्रियों के समावेश से यह पुस्तक हिंदी साहित्येतिहास की समग्रता को स्थापित करती हैं। ऐसी प्रतिभा संपन्न कवयित्रियों को मुख्यधारा में सम्मिलित न करने से हिंदी साहित्य को जो क्षति हुई है, वह क्षति- पूर्ति इस पुस्तक के माध्यम से की जा सकेगी। हिंदी साहित्य के इतिहास पर21वी सदी में भी काव्य निरूपण, श्रृंगारिकता, रीतिसिद्ध, रीतिमुक्त इत्यादि प्रवृत्तियों को आधार बनाकर ही प्रायः बात की जाती रही है। अब समय आ गया है जहां हमें साहित्य के इन प्रतिमानो से बाहर आकर भी बात करनी चाहिए । आज के समय में उत्तर- मध्यकाल की विविधतामयी प्रवृत्तियों पर शोध आवश्यक है, जिसके माध्यम से आधुनिक साहित्य की पूर्वपीठिका को समझने में सहायता मिलेगी। यह पुस्तक उत्तर - मध्यकालीन प्रवृत्तियों को उद्घघाटित तो करती ही है साथ ही तत्कालीन समाज में उपस्थित कवयित्रियों की उपस्थिति एवं उनका रचनात्मक मूल्यांकन भी करती है । डॉ. राहुल सिद्धार्थ, विभागाध्यक्ष, हिंदी विभाग सांची बौद्ध - भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय, बारला, रायसेन, मध्य प्रदेश

AUTHOR DETAILS

Kapil Kumar Gautam
नाम - कपिल कुमार गौतम जन्म - 3 अप्रैल 1994 ग्राम- नयागांव फैजाबाद, पोस्ट - जानसठ, जिला - मुजफ्फरनगर, उत्तर प्रदेश, शिक्षा - आरंभिक शिक्षा गांव के विद्यालय में सम्पन्न हुई, हाईस्कूल व इंटरमीडिएट- डी. ए. वी. इंटरकालेज, जानसठ, जिला - मुजफ्फरनगर, उत्तर प्रदेश , स्नातक, परास्नातक, एम.फिल, सांची बौद्ध-भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय, बारला, रायसेन, मध्य प्रदेश, यूजीसी- नेट (नवम्बर 2017) जे. आर. एफ. ( जुलाई 2018) सम्प्रति- पी.एच.डी. शोध छात्र, हिंदी विभाग, डॉ. हरि सिंह गौर केन्द्रीय विश्वविद्यालय, सागर, मध्य प्रदेश

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